मनुष्य के मन की तुलना एक बगीचे से की जा सकती है, जिसे बुद्धिमानी से विकसित किया जा सकता है या उसे खुला छोड़ दिया जा सकता है.
As in the rankest soil the most beautiful flowers are grown, so in the dark soil of poverty the choicest flowers of humanity have developed and bloomed.
जिस प्रकार सबसे खराब मिट्टी में सबसे सुंदर फूल उगते हैं, उसी प्रकार गरीबी की अंधेरी मिट्टी में मानवता के सबसे अच्छे फूल विकसित हुए हैं और खिले हैं.
मनुष्य के मन की तुलना एक बगीचे से की जा सकती है, जिसे बुद्धिमानी से उगाया जा सकता है या खुला छोड़ दिया जा सकता है; लेकिन चाहे उसे उगाया जाए या अनदेखा किया जाए, उसे अवश्य ही फल देना चाहिए और वह फल देगा. यदि उसमें कोई उपयोगी बीज नहीं डाले जाते, तो उसमें बहुत सारे बेकार खरपतवार के बीज गिरेंगे और अपनी तरह के बीज पैदा करते रहेंगे.
सबसे ऊपर एक ही लक्ष्य रखें; एक वैध और उपयोगी उद्देश्य रखें, और पूरी तरह से उसके प्रति समर्पित हो जाएं.
Your circumstances may be uncongenial, but they shall not long remain so if you but perceive an Ideal and strive to reach it.
आपकी परिस्थितियाँ प्रतिकूल हो सकती हैं, लेकिन यदि आप एक आदर्श को समझ लें और उसे प्राप्त करने का प्रयास करें तो वे अधिक समय तक प्रतिकूल नहीं रहेंगी.
Fixedness of purpose is the root of all successful efforts.
उद्देश्य की दृढ़ता सभी सफल प्रयासों का मूल है.
जिनके जीवन में कोई केन्द्रीय उद्देश्य नहीं होता, वे छोटी-छोटी चिंताओं, भय, परेशानियों और आत्म-दया के आसान शिकार बन जाते हैं, जो सभी कमजोरी के संकेत हैं, जो जान-बूझकर किए गए पापों (यद्यपि भिन्न मार्ग से) की तरह ही असफलता, अप्रसन्नता और हानि की ओर ले जाते हैं, क्योंकि शक्ति से विकसित होते ब्रह्मांड में कमजोरी कायम नहीं रह सकती.
एक व्यक्ति तब तक सही रूप से विकसित नहीं हो सकता जब तक वह एक खुश, स्वस्थ और समृद्ध व्यक्ति न हो; और खुशी, स्वास्थ्य और समृद्धि मनुष्य के आंतरिक और बाह्य तथा उसके आस-पास के वातावरण के सामंजस्यपूर्ण समायोजन का परिणाम हैं.
त्याग के बिना कोई प्रगति, कोई उपलब्धि नहीं हो सकती.
खुशी मानसिक सामंजस्य है; दुःख मानसिक असंतुलन है.
Suffering is always the effect of wrong thought in some direction. It is an indication that the individual is out of harmony with himself, with the Law of his being.
दुख हमेशा किसी दिशा में गलत विचार का परिणाम होता है. यह इस बात का संकेत है कि व्यक्ति खुद के साथ, अपने अस्तित्व के नियम के साथ सामंजस्य से बाहर है.
The key to happiness is having dreams; the key to success is making them come true.
खुशी की कुंजी सपने देखना है; सफलता की कुंजी उन्हें साकार करना है.
मनुष्य को देर-सवेर यह पता चल ही जाता है कि वह अपनी आत्मा का मुख्य माली है, अपने जीवन का निर्देशक है.
अपने सपनों को संजोकर रखें। अपने आदर्शों को संजोकर रखें। अपने दिल में गूंजने वाले संगीत को संजोकर रखें, अपने मन में बनने वाली सुंदरता को संजोकर रखें, अपने शुद्धतम विचारों को सजाने वाली सुंदरता को संजोकर रखें. क्योंकि इन्हीं से सारी रमणीय परिस्थितियाँ, सारा स्वर्गीय वातावरण विकसित होगा, अगर आप इनके प्रति सच्चे रहें, तो आखिरकार आपकी दुनिया का निर्माण होगा.
आध्यात्मिक ध्यान दिव्यता का मार्ग है. यह एक रहस्यमय सीढ़ी है जो धरती से स्वर्ग तक, त्रुटि से सत्य तक, पीड़ा से शांति तक पहुँचती है.
The more intense the nature of a man, the more readily will he find meditation, and the more successfully will he practice it.
मनुष्य का स्वभाव जितना तीव्र होगा, वह उतनी ही आसानी से ध्यान को प्राप्त कर सकेगा, तथा उतनी ही सफलतापूर्वक उसका अभ्यास कर सकेगा.
It is a process of diverting one’s scattered forces into one powerful channel.
यह अपनी बिखरी हुई शक्तियों को एक शक्तिशाली चैनल में मोड़ने की प्रक्रिया है.
The man who cannot endure to have his errors and shortcomings brought to the surface and made known, but tries to hide them, is unfit to walk the highway of truth.
जो व्यक्ति अपनी त्रुटियों और कमियों को सामने आने और प्रकट होने को सहन नहीं कर सकता, बल्कि उन्हें छिपाने का प्रयास करता है, वह सत्य के मार्ग पर चलने के लिए अयोग्य है.
सच्ची सफलता के लिए अपने आप से ये चार सवाल पूछें: क्यों ? क्यों नहीं ? मैं क्यों नहीं ? अभी क्यों नहीं ?
किसी व्यक्ति के जीवन की बाहरी परिस्थितियाँ हमेशा उसकी आंतरिक मान्यताओं को प्रतिबिंबित करती पाई जाएंगी.
मनुष्य, एक आध्यात्मिक प्राणी के रूप में, तब तक शक्ति, ईमानदारी और शांति में नहीं रह सकता जब तक कि वह समय-समय पर स्वयं को नाशवान वस्तुओं की बाहरी दुनिया से अलग न कर ले और आंतरिक रूप से स्थायी और अविनाशी वास्तविकताओं की ओर न बढ़े.
जैसे सागर से पृथक जल की सबसे छोटी बूंद में सागर के सभी गुण समाहित होते हैं, उसी प्रकार मनुष्य भी, जो चेतना में अनन्त से पृथक है, अपने अन्दर उसकी समानता को समाहित करता है; और जैसे जल की बूंद को, अपने स्वभाव के नियम के अनुसार, अन्ततः सागर में वापस जाना ही पड़ता है तथा उसकी नीरव गहराई में खो जाना ही पड़ता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी, अपने स्वभाव के अचूक नियम के अनुसार, अन्ततः अपने स्रोत पर लौटना ही पड़ता है, तथा अनन्त के महान सागर में अपने को खो देना पड़ता है.
मन की शांति बुद्धि के सबसे खूबसूरत रत्नों में से एक है. यह आत्म-नियंत्रण में लंबे और धैर्यपूर्ण प्रयास का परिणाम है. इसकी उपस्थिति परिपक्व अनुभव और विचारों के नियमों और संचालन के सामान्य ज्ञान से कहीं अधिक का संकेत है.
The more tranquil a man becomes, the greater is his success, his influence, his power for good. Calmness of mind is one of the beautiful jewels of wisdom.
एक व्यक्ति जितना अधिक शांत होता है, उसकी सफलता, उसका प्रभाव, उसकी भलाई के लिए शक्ति उतनी ही अधिक होती है. मन की शांति ज्ञान के सुंदर रत्नों में से एक है.
यदि आपकी वास्तविक इच्छा अच्छा बनने की है, तो ऐसा करने से पहले धन का इंतजार करने की कोई आवश्यकता नहीं है; आप इसे अभी, इसी क्षण, और वहीं कर सकते हैं जहां आप हैं.
जो कम हासिल करना चाहता है उसे कम त्याग करना होगा; जो अधिक हासिल करना चाहता है उसे अधिक त्याग करना होगा; जो अधिक हासिल करना चाहता है उसे बहुत अधिक त्याग करना होगा.
जिस प्रकार शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति सावधानीपूर्वक और धैर्यपूर्वक प्रशिक्षण द्वारा स्वयं को मजबूत बना सकता है, उसी प्रकार कमजोर विचारों वाला व्यक्ति सही सोच के अभ्यास द्वारा स्वयं को मजबूत बना सकता है.
The circumstances which a man encounters with suffering are the result of his own mental inharmony.
मनुष्य जिन परिस्थितियों में दुःख भोगता है, वे उसकी अपनी मानसिक असंतुलन का परिणाम होता है.
कार्य करने की इच्छा इस ज्ञान से उत्पन्न होती है कि हम कार्य कर सकते हैं.
अच्छे विचार और कार्य कभी भी बुरे परिणाम नहीं दे सकते; बुरे विचार और कार्य कभी भी अच्छे परिणाम नहीं दे सकते … हम प्राकृतिक दुनिया में इस नियम को समझते हैं, और इसके साथ काम करते हैं; लेकिन मानसिक और नैतिक दुनिया में बहुत कम लोग इसे समझते हैं – हालाँकि वहाँ इसका संचालन उतना ही सरल और अविचल है – और इसलिए, वे इसके साथ सहयोग नहीं करते हैं.
भीतरी भाग निरंतर बाहर की ओर बढ़ता रहता है। मनुष्य के हृदय की स्थिति से ही उसके जीवन की परिस्थितियाँ विकसित होती हैं; उसके विचार कर्मों में परिणत होते हैं, और उसके कर्म चरित्र और भाग्य का फल देते हैं.
He who cherishes a beautiful vision, a lofty ideal in his heart, will one day realize it.
जो व्यक्ति अपने हृदय में एक सुन्दर स्वप्न, एक उच्च आदर्श संजोता है, वह एक दिन उसे साकार कर लेता है.
यदि आप अपने शरीर को उत्तम बनाना चाहते हैं तो अपने मन की रक्षा करें.
The body is the servant of the mind. It obeys the operations of the mind, whether they be deliberately chosen or automatically expressed.
शरीर मन का सेवक है. यह मन के कार्यों का पालन करता है, चाहे वे जानबूझकर चुने गए हों या स्वचालित रूप से व्यक्त किए गए हों.
Mind is the master weaver, both of the inner garment of character and the outer garment of circumstance.
मन चरित्र के आंतरिक वस्त्र और परिस्थिति के बाहरी वस्त्र, दोनों का प्रमुख बुनकर है.
मनुष्य जैसा अपने मन में विचार करेगा, वैसा ही वह बनेगा.
Good thoughts bear good fruit, bad thoughts bear bad fruit.
अच्छे विचार अच्छे फल देते हैं, बुरे विचार बुरे फल देते हैं.
Our life is what our thoughts make it. A man will find that as he alters his thoughts toward things and other people, things and other people will alter towards him.
हमारा जीवन वैसा ही है जैसा हमारे विचार उसे बनाते हैं. एक व्यक्ति यह महसूस करेगा कि जैसे-जैसे वह चीजों और दूसरे लोगों के प्रति अपने विचार बदलता है, वैसे-वैसे चीजें और दूसरे लोग भी उसके प्रति बदल जाते हैं.
स्वप्नदर्शी ही संसार के उद्धारक हैं.
त्याग के बिना न तो प्रगति हो सकती है और न ही कोई उपलब्धि, और मनुष्य की सांसारिक सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अपने भ्रमित पशुवत विचारों का त्याग करता है, तथा अपनी योजनाओं के विकास पर अपना मन लगाता है, तथा अपने संकल्प और आत्म-निर्भरता को मजबूत करता है.
जैसे पौधा बीज से उत्पन्न होता है और उसके बिना अस्तित्व नहीं हो सकता, वैसे ही मनुष्य का प्रत्येक कार्य विचार के छिपे हुए बीजों से उत्पन्न होता है और उनके बिना अस्तित्व में नहीं आ सकता.
Every action and feeling is preceded by a thought.
प्रत्येक क्रिया और भावना के पहले एक विचार आता है.
A man can only rise, conquer, and achieve by lifting up his thoughts.
एक आदमी केवल अपने विचारों को ऊपर उठाकर ही आगे बढ़ सकता है, जीत सकता है और सफलता प्राप्त कर सकता है.
विचार ही क्रिया, जीवन और अभिव्यक्ति का स्रोत है; स्रोत को शुद्ध बनाओ, और सब कुछ शुद्ध हो जायेगा.
आनंदपूर्वक और शांतिपूर्वक कार्य करें, यह जानते हुए कि सही विचार और सही प्रयास अनिवार्यतः सही परिणाम लाते हैं.
किसी भी विचार धारा का लगातार बने रहना, चाहे वह अच्छी हो या बुरी, उसके चरित्र और परिस्थितियों पर उसका असर अवश्य पड़ता है. एक व्यक्ति सीधे तौर पर अपनी परिस्थितियों का चयन नहीं कर सकता, लेकिन वह अपने विचारों का चयन कर सकता है, और इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से, लेकिन निश्चित रूप से, अपनी परिस्थितियों को आकार दे सकता है.
मनुष्य अपनी परिस्थितियों को सुधारने के लिए उत्सुक रहते हैं, किन्तु स्वयं को सुधारने के लिए तैयार नहीं होते; इसलिए वे बंधे रहते हैं.
मनुष्य वस्तुतः वही है जो वह सोचता है, उसका चरित्र उसके समस्त विचारों का सम्पूर्ण योग है.
जिन्होंने संदेह और भय पर विजय प्राप्त कर ली है, उन्होंने असफलता पर भी विजय प्राप्त कर ली है.
जैसे समुद्र में खामोश गहराइयाँ होती हैं, जहाँ भयंकर तूफ़ान भी नहीं पहुँच सकता, वैसे ही लोगों के दिलों में भी खामोश, पवित्र गहराइयाँ होती हैं, जहाँ पाप और दुःख का तूफ़ान कभी नहीं पहुँच सकता. इस खामोशी तक पहुँचना और उसमें सचेत रूप से जीना ही शांति है.
मनुष्य तब तक परिस्थितियों से जूझता रहता है जब तक वह यह मानता है कि वह बाहरी परिस्थितियों का प्राणी है, लेकिन जब उसे यह अहसास हो जाता है कि वह एक सृजनात्मक शक्ति है, तथा वह अपने अस्तित्व की उस छिपी हुई मिट्टी और बीजों पर नियंत्रण कर सकता है, जिनसे परिस्थितियां विकसित होती हैं, तब वह स्वयं का वास्तविक स्वामी बन जाता है.
मनुष्य को यह सीखना होगा कि वह वस्तुओं पर नियंत्रण नहीं कर सकता, बल्कि वह स्वयं पर नियंत्रण कर सकता है; वह दूसरों की इच्छाओं पर दबाव नहीं डाल सकता, बल्कि वह स्वयं अपनी इच्छा को ढाल सकता है और उस पर नियंत्रण कर सकता है; और वस्तुएं उसकी सेवा करती हैं जो सत्य की सेवा करता है; लोग उससे मार्गदर्शन चाहते हैं जो स्वयं का स्वामी है.
एक आदमी तभी इंसान बनना शुरू करता है जब वह रोना-धोना और बुरा-भला कहना बंद कर देता है और उस छिपे हुए न्याय की खोज शुरू करता है जो उसके जीवन को नियंत्रित करता है. और वह अपने मन को उस नियामक तत्व के अनुकूल बना लेता है, वह अपनी स्थिति के लिए दूसरों को दोषी ठहराना बंद कर देता है और खुद को मजबूत और महान विचारों में ढाल लेता है; परिस्थितियों के खिलाफ लड़ना बंद कर देता है, लेकिन उन्हें अपनी अधिक तीव्र प्रगति के लिए सहायक के रूप में और अपने भीतर छिपी शक्तियों और संभावनाओं के साधन के रूप में उपयोग करना शुरू कर देता है.
किसी व्यक्ति के जीवन की बाहरी परिस्थितियाँ हमेशा उसकी आंतरिक स्थिति से सामंजस्यपूर्ण रूप से जुड़ी हुई पाई जाएंगी… मनुष्य वह नहीं आकर्षित करता जो वह चाहता है, बल्कि वह जो वह है उसे आकर्षित करता है.
मनुष्य स्वयं ही बना या बिगाड़ा जा सकता है. सही चुनाव करके वह ऊपर उठता है. शक्ति, बुद्धि और प्रेम का स्वामी होने के नाते और अपने विचारों का स्वामी होने के नाते, वह हर परिस्थिति की कुंजी रखता है.
एक मजबूत व्यक्ति किसी कमजोर व्यक्ति की मदद नहीं कर सकता जब तक कि कमजोर व्यक्ति मदद के लिए तैयार न हो, और तब भी कमजोर व्यक्ति को खुद ही मजबूत बनना होगा; उसे अपने प्रयासों से वह ताकत विकसित करनी होगी जिसकी वह दूसरों में प्रशंसा करता है. खुद के अलावा कोई भी अपनी स्थिति को बदल नहीं सकता.
कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के कारण बाधा नहीं डालता; वह केवल अपने आप से ही बाधा डालता है। कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के कारण कष्ट नहीं उठाता; वह केवल अपने कारण ही कष्ट उठाता है.
कल के पापों और गलतियों पर इतना अधिक ध्यान न दें कि आज सही ढंग से जीने के लिए आपके पास ऊर्जा और मन ही न बचे, और यह न सोचें कि कल के पाप आपको आज शुद्ध रूप से जीने से रोक सकते हैं.
जो व्यक्ति गलत विचार और कर्म बोता है और प्रार्थना करता है कि ईश्वर उसे आशीर्वाद दें, वह उस किसान की स्थिति में है, जो जंगली घास बोने के बाद ईश्वर से गेहूं की फसल पैदा करने के लिए प्रार्थना करता है.
सभी मानवीय कार्यों में प्रयास होते हैं और परिणाम भी होते हैं, तथा प्रयास की शक्ति ही परिणाम का मापदंड होती है.
प्रेम से सोचो, प्रेम से बोलो, प्रेम से कार्य करो, और हर आवश्यकता पूरी हो जाएगी.