Man’s main concern is not to gain pleasure or to avoid pain but rather to see a meaning in his life. That is why man is even ready to suffer, on the condition, to be sure, that his suffering has a meaning.
मनुष्य की मुख्य चिंता सुख प्राप्त करना या दर्द से बचना नहीं है, बल्कि अपने जीवन में एक अर्थ देखना है ; _ यही कारण है कि मनुष्य कष्ट सहने के लिए भी तैयार है, इस शर्त पर कि उसके कष्ट का कोई अर्थ है.