सुविचार 4079

आदमी जो होता नहीं है, _उसे दिखाने का प्रयास ही, असहज़ता है.
आदमी वही नहीं होता, जो वो दिखलाता है, बताता है.

_ आदमी वो होता है, जो नहीं दिखलाता, नहीं बताता.

बिना अपना पता जाने ..लोगों का पता ढूंढने निकले मुसाफिर ..कभी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते..

_ फिर यात्रा निरर्थक और बेमंजिल रह जाती है.

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