जो आपकी हर बात का यकीन करता है,_ उससे कभी झूठ मत बोलना.
ज्यों केलन के पात में पात पात में पात _ त्यों सुधिजन की बात में बात बात में बात.!
बोलते वक्त आप अपने पुराने ज्ञान के अनुभव को दोहराते हैं,
_ परन्तु सुनते वक़्त आप नया ज्ञान प्राप्त करते हैं.. इसीलिए बोलें कम और सुनें ज्यादा.!!