ज़मीर ज़िंदा रख यानी कबीर ज़िंदा रख,
सुल्तान भी बन जाए तो दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख,
लालच डिगा न पाए तुझे आंखो का नीर ज़िंदा रख,
इन्सानियत सिखाती जो मन में वो पीर ज़िंदा रख,
हौसले के तरकश में कोशिश का तीर ज़िंदा रख !!
सुल्तान भी बन जाए तो दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख,
लालच डिगा न पाए तुझे आंखो का नीर ज़िंदा रख,
इन्सानियत सिखाती जो मन में वो पीर ज़िंदा रख,
हौसले के तरकश में कोशिश का तीर ज़िंदा रख !!