थक जाओ अगर इन रास्तों पर चलते हुए तुम …….
कभी न सोचना वहाँ कि तन्हा हो तुम ………
मूँद कर पलकों को अपनी जो देखोगे तुम ……
तो अपने साथ ही सदा मुझ को पाओगे तुम………
कभी न सोचना वहाँ कि तन्हा हो तुम ………
मूँद कर पलकों को अपनी जो देखोगे तुम ……
तो अपने साथ ही सदा मुझ को पाओगे तुम………