वह इश्क़ ही क्या जिसके रास्ते न कठिन हो.
जो चल पड़े इस रास्ते पर फिर क्या भंवर
और क्या किनारा
किसको मंजिल की तलाश है
डूबने में ही मजा है
किनारे पर जाकर किसी को क्या मिला है.
जो चल पड़े इस रास्ते पर फिर क्या भंवर
और क्या किनारा
किसको मंजिल की तलाश है
डूबने में ही मजा है
किनारे पर जाकर किसी को क्या मिला है.