रोते रोते हम, इक दिन हसना सीख गए.
बार बार मरकर देखा तो, जीना सीख गए.
ठोकर खाते रहे, चलते रहे फिर भी हम.
इसी तरह इक दिन हम संभलना सीख गए.
ज़िन्दगी छोटी लगी, और सपने बड़े बड़े.
तन से हारे नहीं, मन से लड़ना सीख गए.
दुख सुख गम ख़ुशी, सबसे एकाकार हुए.
गम को छुपाना और दर्द में मुस्कुराना सीख गए.