मस्त विचार 1680 | Nov 27, 2017 | मस्त विचार | 0 comments अपनों से कभी दुरी इतनी ना बढ़ाएं कि _ _ खुला हो दरवाज़ा, फिर भी खटखटाना पड़े .. कुछ दरवाजे कभी बंद नहीं हुआ करते हैं,, _ बस हम ही खटखटाना छोड़ देते हैं…!! Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ