मस्त विचार 2858

ख़यालातों के बदलने से भी निकलता है नया दिन,

_ सिर्फ़ सूरज के चमकने से ही सवेरा नहीं होता….

वो तमाम लोग जो गिरने के बाद फिर से खड़े हो गए,

_ उन्होंने अपने पांव नहीं ख़यालात बदले थे..!!

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