मस्त विचार 3175

फूल की उम्मीद थी मगर पत्थर निकला,

ये साल तो पिछले साल से भी बत्तर निकला !

दिन घटा घटा कर वर्ष कर रहे हैं,

हम वक्त को ऐसे खर्च कर रहे हैं..

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