मस्त विचार 3188

” न तो हर कोई आपको समझ सकता है और न आप हर किसी को समझ सकते हैं,

इसलिए अधिक सोचकर खुद को दुखी नहीं करें _  चलते रहें, प्रेम बिखेरते रहें

और नियति से मिली हर चीज का स्वागत करते रहें “

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