मस्त विचार 3293 | Apr 28, 2022 | मस्त विचार | 0 comments जीवन का सफर यूँ ही तनहा बीत गया, _ _ और कहने को कदम – कदम पर अपने थे .. होश का पानी छिड़को मदहोशी की आँखों पर, _ _ अपनों से कभी ना उलझो ऐरौ गैरों की बातों पर.. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ