जन्म देने वाले माता- पिता से अध्यापक कहीं अधिक सम्मान के पात्र हैं, क्योंकि माता- पिता तो केवल जन्म देते हैं, लेकिन अध्यापक उन्हें शिछित बनाते हैं, माता- पिता तो केवल जीवन प्रदान करते हैं, जबकि अध्यापक उनके लिए बेहतर जीवन को सुनिश्चित करते हैं.
स्त्रियों की उन्नति या अवनति पर ही राष्ट्र की उन्नति या अवनति निर्भर करती है.
हम इसलिए सही काम नहीं करते क्योंकि हमारे अंदर सदगुण तथा श्रेष्ठ्ता है, बल्कि हमारे अन्दर वे गुण इसलिए हैं क्योंकि हमने सही काम किया है. हम वैसे ही हैं जैसा हम बार- बार करते हैं, तब श्रेष्ठ्ता कोई क्रिया नहीं रहती बल्कि एक आदत बन जाती है.