मस्त विचार 3576

सुख के लम्हें तक पहुँचते-पहुँचते हम उन सब लोगों से जुदा हो जाते हैं,

_ जिनके साथ हमने दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था.

गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही…मुसाफिरों की तरह…

_यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं…रुके रास्तों की तरह..!!

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