मस्त विचार 078 | Jul 19, 2014 | मस्त विचार | 0 comments दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते, गम के आंसू न बहते तो और क्या करते. उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ, हम खुद को न जलाते तो और क्या करते. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ