मस्त विचार 078

 दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,

गम के आंसू न बहते तो और क्या करते.

उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,

हम खुद को न जलाते तो और क्या करते.

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