हसने लगी ज़िन्दगी, मन मुस्कुराया हैं दिव्यदृष्टि देकर के, अँधेरा मिटाया हैं नज़रे नूरानी से, स्वरुप दिखाया हैं गिर गए थे हम तो, तू ने उठाया हैं अवगुण नहीं देखे, गले से लगाया हैं अनमोल खज़ाना देकर, बादशाह बनाया हैं विषयों के कीचड़ में, गिरने से बचाया हैं मुरझाया मन का चमन, तू ने खिलाया हैं भूल गए थे हसना, तू ने हसाया हैं संसार सागर से, तू ने तराया हैं मन पर जन्मो से, गफलत का पर्दा था दुई का पर्दा हटा कर, नींद से जगाया हैं कैसे भूलूँ रहमत, तन मन चमकाया हैं तू ने इतना बचाया है.
तू ने इतना बचाया है