_क्या हम *बिल्डर्स, इंटीरियर डिजाइनर्स, केटरर्स और डेकोरेटर्स के लिए कमा रहे हैं ?*_
_*हम बड़े बड़े क़ीमती मकानों और बेहद खर्चीली शादियों से* किसे इम्प्रेस करना चाहते हैं ?_
_क्या आपको याद है कि, *दो दिन पहले किसी की शादी पर आपने क्या खाया था ?*_
_जीवन के प्रारंभिक वर्षों में *क्यों हम पशुओं की तरह काम में जुते रहते हैं ?*_
_कितनी पीढ़ियों के *खान पान और लालन पालन की व्यवस्था करनी है हमें ?*_
_हम में से *अधिकाँश लोगों के दो बच्चे हैं। बहुतों का तो सिर्फ एक ही बच्चा है।*_
_हमारी जरूरत कितनी हैं और हम पाना कितना चाहते हैं ? *इस बारे में सोचिए।*_
_क्या हमारी *अगली पीढ़ी कमाने में सक्षम नहीं है जो, हम उनके लिए ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर देना चाहते हैं !*_
_क्या हम *सप्ताह में डेढ़ दिन अपने मित्रों, अपने परिवार और अपने लिए स्पेयर नहीं कर सकते ?*_
_क्या आप *अपनी मासिक आय का 5% अपने आनंद के लिए, अपनी ख़ुशी के लिए खर्च करते हैं ?*_ _*सामान्यतः जवाब नहीं में ही होता है।*_
_*हम कमाने के साथ साथ आनंद भी क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ?*_
_इससे पहले कि *आप स्लिप डिस्क का शिकार हो जाएँ, इससे पहले कि, कोलोस्ट्रोल आपके हार्ट को ब्लॉक कर दे, आनंद प्राप्ति के लिए समय निकालिए !*_
_*हम किसी प्रॉपर्टी के मालिक नहीं होते, सिर्फ कुछ कागजातों, कुछ दस्तावेजों पर अस्थाई रूप से हमारा नाम लिखा होता है।*_
_* रब भी व्यंग्यात्मक रूप से हँसेगा जब कोई उसे कहेगा कि, “मैं जमीन के इस टुकड़े का मालिक हूँ”!*_
_किसी के बारे में, *उसके शानदार कपड़े और बढ़िया कार देखकर, राय कायम मत कीजिए।*_
_हमारे *महान गणित और विज्ञान के शिक्षक स्कूटर पर ही आया जाया करते थे !*_
_धनवान होना गलत नहीं है *बल्कि सिर्फ धनवान होना गलत है।*_
_*आइए जिंदगी को पकड़ें, इससे पहले कि, जिंदगी हमें पकड़ ले…*_
_एक दिन *हम सब जुदा हो जाएँगे, तब अपनी बातें, अपने सपने हम बहुत मिस करेंगे।*_
_*दिन, महीने, साल गुजर जाएँगे, शायद कभी कोई संपर्क भी नहीं रहेगा। एक रोज हमारी बहुत पुरानी तस्वीर देखकर हमारे बच्चे हम से पूछेंगे कि, “तस्वीर में ये दुसरे लोग कौन हैं ?”*_
_*तब हम मुस्कुराकर अपने अदृश्य आँसुओं के साथ बड़े फख्र से कहेंगे; “ये वो लोग हैं, जिनके साथ मैंने अपने जीवन के बेहतरीन दिन गुजारे हैं।”*_