सुविचार 1039

ज़िन्दगी तो सबकी है, सब सांस ले रहे हैं. मनुष्य का चोला भी मिला है लेकिन जिसमे कोई उत्साह नहीं है, कर्मठता और स्फूर्ति नहीं है – वह ज़िन्दगी , ज़िन्दगी नहीं है.

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