हमें हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि न हमारी ख़ुशी से, न ही हमारी उदासी से दूसरों को ज्यादा फर्क पड़ता है.
_ अपने जीवन को खूबसूरत और खुशगवार बनाना हमारे ही हाथ में है.
_बस अपनी परिस्थितियों को देखने के नजरिए में थोड़ा सा परिवर्तन कीजिए और पाइए ढेर सारा फर्क अपने जीवन में.
_अक्सर कुछ अनसोचा, अनचाहा होने पर हम भावनात्मक रूप से थक जाते हैं और उदास हो जाते हैं.
_ यह जरुरी है कि कुछ समय ऐसे पलों को भी भरपूर जीएं.
_ याद रखें, यह मानसिक टूटन या थकान अस्थायी होती है,
_ कुछ प्रयासों द्वारा इसे दूर कर इस स्थिति से उबरा जा सकता है.