ऎसा कई बार देखने में आता है कि हम दूसरे के साथ हुई किसी घटना पर हँस रहे होते हैं और कुछ दिन बाद वही घटना हमारे साथ हो जाती है. इसलिए बेहतर है कि दूसरों को परेशानी में देखकर खुश न हों, उनकी मदद करें.
अगर आप सामने वाले कि मदद मुसीबत के वक़्त नहीं करेंगे, तो फिर आपकी भी मदद कोई नहीं करेगा. खुद को सामने वाले कि जगह रखें और सोचें. दूसरों को मुसीबत में देखकर खुश न हों, जो घटना दूसरों के साथ हो सकती है, वह आपके साथ भी हो सकती है.