मनुष्य को आकर्षण का केंद्र बनना बहुत पसंद है. वह सदैव ऐसा कुछ करते रहना चाहता है जिससे सबकी निग़ाहें उस पर टिकी रहें. इसमें से एक बहुत ही सरल उपाय होता है सहानुभूति का पात्र बनना. यदि इसकी आदत लग जाये तो फिर इससे स्वयं को निकाल पाना अत्यंत कठिन हो जाता है. ध्यान रखें कि कहीं आप इसके आदी न हो जाएँ.