सुविचार – चेहरा – चेहरे – चहरे – चहरा – चेहरों – नकाब – 140

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चेहरा तो मिल जाएगा हमसे भी ख़ूबसूरत..

_ बात जब दिल की आएगी तो हार जाओगे….!!

हमारे यहाँ चेहरे की खूबसूरती तो देखते हैं..

_पर चेहरे के अंदर दिमाग नहीं देखा जाता.!!

इस दौर में एक बात अच्छी हुई है, लोगों के चेहरे साफ दिखने लगे हैं..!!
चेहरे की रौनक छीनने वालों से कभी मुलाकात ना हो तो बेहतर है.!!
जिन लोगों का बड़ा मान-सम्मान करते थे, उन लोगों का भी दोहरा चेहरा सामने आया.!
चेहरे से इंसान पहचानने कि कला थी मुझ में,

_हैरानी तब हुई जब इंसान के पास बहुत चेहरे देखे..!!

अब इंसान को चेहरा देख कर नहीं पहचाना जा सकता,

_अब लोगों के चेहरों पर मुखौटे चढ़ गए हैं..!!

चेहरे पे चेहरे, लोगों ने पोत रखे इतने..

_ एक–दो जान भी लो, फिर भी आप अंजान ही रहोगे..!!

ये लफ्ज़ इस चहरे से मेल नहीं खाते…

_ इतनी गहरी लाइनें तो किसी झुर्रीदार चहरे की मिल्कियत होती हैं….अक्सर.!!

हर चेहरे की मुस्कान को सच मत समझो.. बहुत सी मुस्कानें चेहरे पर इसलिए चढ़ाई जाती हैं कि अपना दर्द छुपा रहे और दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बनी रहे.!!
दुनिया आपको विकल्प समझेगी, और निगल लेगी आपके चेहरे की रौनक,

आप अपनी खुशियों की जिम्मेदारी खुद लेना…
आप खुद की प्राथमिकता हो इस पर अड़े रहना.!!
कुछ अँधेरे ही अच्छे हैं, कम्बख्त रोशनी में अपनों के असली चेहरे सामने आ जाएंगे..!!
चेहरों से पहचान होती है,_चेहरों से परख नहीं होती !!
रंग चेहरे के बोल पड़ेंगे, उनसे बस बात छेड़ना मेरी..!!
धोख़ा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर..

_ हर कांच का टुकड़ा हीरा नहीं होता..!!

जो हो वही रहो, नक़ाबों की दुनिया में असली चेहरों की क़ीमत ज़्यादा होती है.!!
यहाँ सिर्फ मुस्कुराते चेहरे दीखते हैं,

_ पर आँख का पानी का रंग मुस्कुराते चेहरे से मेल नहीं खाता, वो अपना अलग राग गाता है.!!

झूठ बोलना आता तो शायद कुछ चेहरे आज पास होते..

_ पर क्या करूं, दिल ने कभी सच्चाई से समझौता करना नहीं सीखा.!!

चेहरा सिर्फ मन की बात नहीं कहता,

_ बल्कि किसी के पूरे व्यक्तित्व को आप उसके चेहरे में पढ़ सकते हैं.
_ विद्वान व्यक्ति का नूर उसके चेहरे पर झलकता है.
_ मूर्ख व्यक्ति की मूर्खता भी उसके चेहरे पर नज़र आती है.
आदमी को सिर्फ वहम है, पास उसके ही इतना गम है.

_ पूछो हँसते हुए चेहरों से, आंख भीतर से कितनी नम है.!!
अगर मुस्कराहट से चेहरे का आकर्षण बढ़ जाता है, तो वह चेहरा सुन्दर है,
_ अगर उससे कोई अन्तर नहीं पड़ता तो वह साधारण है और अगर मुस्कराहट उसे बिगाड़ देती है,
तो वह चेहरा बदसूरत है.
यदि आपको ज्यादातर लोगों के असली चेहरे और असली इरादे दिखने लगें, जो वो अपने चेहरे के पीछे छुपाते हैं,

_ तो हो सकता है कि आप बिल्कुल अकेले हो जाएं..!!

कभी-कभी हमारा अनुभव कठिन रहता है, लेकिन याद रखना हर कोई नकाब के पीछे नहीं छुपता..

_ वहाँ सच्चे, दयालु लोग हैं जो वास्तविक आपको देखेंगे और सराहना करेंगे.

_ सार्थक कनेक्शन की संभावना के लिए खुले रहें – कभी-कभी, यह सबसे अप्रत्याशित स्थानों पर होता है कि हम उन लोगों को पाते हैं जो वास्तव में परवाह करते हैं.

“अपना चेहरा दूसरों से छिपाना आसान है, लेकिन अपनी मूर्खता छिपाना नामुमकिन है.”

“It’s easy to hide your face from others, but it is impossible to hide your stupidity.”
उफ़ ! कितना लम्बा यह जीवन !

_ जैसे-जैसे हम जीवन जीते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारा चेहरा बदलता जाता है.
_ सिर्फ उम्र की लकीरें नहीं, हमारे जीये हुए सुख-दुःख भी हमारे चेहरे पर लकीरें छोड़ जाते हैं.
_ जिसने जीवन में जितने ज्यादा दुःख भोगे होते हैं, या महसूस किए होते हैं, उसका चेहरा उतना ही ज्यादा बुढ़ाया हुआ लगता है.
_ चेहरा हमारे मन की किताब होता है, इसलिए इस पर ताज़गी बनाए रखने के लिए हमेशा खुश रहें.!!
– Manika Mohini

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