सुविचार – चेहरा – चेहरे – नकाब – 140 | Apr 8, 2014 | सुविचार | 0 comments चेहरा तो मिल जाएगा हमसे भी ख़ूबसूरत.. _ बात जब दिल की आएगी तो हार जाओगे….!! हमारे यहाँ चेहरे की खूबसूरती तो देखते हैं.. _पर चेहरे के अंदर दिमाग नहीं देखा जाता.!! इस दौर में एक बात अच्छी हुई है, _लोगों के चेहरे साफ दिखने लगे हैं..!! चेहरे से इंसान पहचानने कि कला थी मुझ में, _हैरानी तब हुई जब इंसान के पास बहुत चेहरे देखे..!! अब इंसान को चेहरा देख कर नहीं पहचाना जा सकता, _अब लोगों के चेहरों पर मुखौटे चढ़ गए हैं..!! चेहरे पे चेहरे, लोगों ने पोत रखे इतने.. _ एक–दो जान भी लो, फिर भी आप अंजान ही रहोगे.. कुछ अँधेरे ही अच्छे हैं, _ कम्बख्त रोशनी में अपनों के असली चेहरे सामने आ जाएंगे..!! चेहरों से पहचान होती है,_चेहरों से परख नहीं होती !! धोख़ा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर.. _ हर कांच का टुकड़ा हीरा नहीं होता..!! यहाँ सिर्फ मुस्कुराते चेहरे दीखते हैं, _ पर आँख का पानी का रंग मुस्कुराते चेहरे से मेल नहीं खाता, _वो अपना अलग राग गाता है.!! चेहरा सिर्फ मन की बात नहीं कहता, _ बल्कि किसी के पूरे व्यक्तित्व को आप उसके चेहरे में पढ़ सकते हैं. _ विद्वान व्यक्ति का नूर उसके चेहरे पर झलकता है. _ मूर्ख व्यक्ति की मूर्खता भी उसके चेहरे पर नज़र आती है. यदि आपको ज्यादातर लोगों के असली चेहरे और असली इरादे दिखने लगें, जो वो अपने चेहरे के पीछे छुपाते हैं, _ तो हो सकता है कि आप बिल्कुल अकेले हो जाएं..!! कभी-कभी हमारा अनुभव कठिन रहता है, लेकिन याद रखना हर कोई नकाब के पीछे नहीं छुपता.. _ वहाँ सच्चे, दयालु लोग हैं जो वास्तविक आपको देखेंगे और सराहना करेंगे. _ सार्थक कनेक्शन की संभावना के लिए खुले रहें – कभी-कभी, यह सबसे अप्रत्याशित स्थानों पर होता है कि हम उन लोगों को पाते हैं जो वास्तव में परवाह करते हैं. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ