सुविचार – कर्म – काम – कार्य – 141 | Apr 9, 2014 | सुविचार | 0 comments आपका आज का परिणाम आपके अतीत के किये हुए कर्म हैं, _ भविष्य बेहतर बनाना है तो आज के फैसलों को बदल दो. सही कर्म वह नहीं है, जिसके परिणाम हमेशा सही हो ! _ सही कर्म वह है, जिसका उद्देश्य कभी गलत ना हो !! किसी भी काम से खुशी मिलनी चाहिए, तनाव और चिंता नहीं. _ शरीर का स्वास्थ्य सबसे पहले है ; इसके लिए काम और आराम का संतुलन चाहिए.. जो हर शख्स अपने लिए तय करे.!! काम ऐसे करो क़ि लोग देखते रह जाएँ, _ और अगर काम न करना हो तो ऐसे आराम करो क़ि लोग सोचते रह जाएँ.!! रोनाधोना करने वाले तो कर्म हीन होते हैं, _ जो स्वयं कुछ नहीं करना चाहते.. बस सारा दिन दूसरों में दोष ढूंढ़ते रहते हैं.!! ख़ुद काम कर के कम कमाना, _ किसी दूसरे से मदद मिलने की उम्मीद से तो बेहतर ही है.!! काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए ; हर कदम चलो ऐसा कि निशान बन जाए. _ यहाँ ज़िन्दगी तो सभी काट लेते हैं, ज़िन्दगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए.!! जीवन में सिर्फ़ अपने काम हो ही अपना किरदार मत बनाईए. _ आपका जीवन और आपकी क़ीमत उससे कहीं ज़्यादा है.!! जैसे बीज छोटा होता है और फल बड़ा, _ वैसे ही हमारे छोटे-छोटे कर्म, बड़े परिणाम ला सकते हैं.!! सही कर्म वह नहीं है, जिसके परिणाम हमेशा सही हों ;_ सही कर्म वह है, जिसका उद्देश्य कभी गलत न हो.!! जो काम पेट भरता है, घर चलाती है और दिमाग खोलती है.. _ उसमें लज्जा-शर्म रखना नुकसान ही देगा.!! दूसरों की पहचान से आप मशहूर तो हो सकते हैं, पर इज़्ज़त सिर्फ अपने काम से मिलती है.!! जब आपके कर्म वापस आते हैं, तो आपकी सारी चालाकियाँ.. बेकार साबित हो जाती है.!! यदि आप जरूरी काम करना छोड़ -हर फालतू और बेकार काम कर रहे हैं तो आप स्वयं दोषी हैं.!! जब ज़िंदगी तक़लीफ़ देती है, तब अपने किये सारे कर्म याद आतें है…! करिए, कर डालिए! काम यदि सही है तो हिचक कैसी ? _ जितना सामर्थ्य हो जितनी बुद्धि ज्ञान हो उतने से ही शुरू कर दें, _ उसके बाद आगे रास्ता अपने आप बनना शुरू हो जाएगा.!! अगर अच्छे कामों पर भी लोग शक करें तो फिक्र मत करो, _ सोने की ही तो परख होती है, कोयले की परख कोई नहीं करता.!! कर्म ही भाग्य है, अपने कर्म ठीक रखें. _ कर्म अच्छे होंगे तो बिगड़े काम भी बन जाएंगे. _ अन्यथा सब किया हुआ नष्ट हो जाता है. _ आप कितनी भी मेहनत कर लो, _ आपकी नियत ठीक नहीं है तो.. सब मिला हुआ खो जाता है.!! कोई किसी के कर्म का भागीदार नहीं होता.. _ सबकुछ अपने कर्मों से घटित होता है, _संचित कर्मों से लेकर नये कर्म तक इंसान का साथ कभी नहीं छोड़ते.. _ वो हमें तबतक पकड़े रखते हैं, जबतक हम उनको भोग न लेते..!! Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ