आपका ये जीवन आप ही की सोच का नतीजा है, _
अगर आप जीवन में दुख पा रहे हैं, _ तो याद रखें की ये पूरा जीवन आप ही की सोच का नतीजा है ;
_ अगर ये आपको नहीं पसंद, तो आपको आपकी सोच बदलनी पड़ेगी ;
_ जैसे ही आप अपनी सोच को देख कर बदलोगे, धीरे धीरे जीवन भी बदलना शुरू हो जाएगा ;
अच्छे और बुरे दोनो अनुभवों को एक साथ जोड़ने पर ही जीवन बनता है ;
_जीवन सुख दुख के टुकड़ों में नही बंटता _बल्कि सुख दुख को जोड़ कर ही जीवन पूरा हो पाता है.!!