सुविचार – दर्द – पीड़ा – वेदना – 148

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आप 2 लोगों से पूछते हैं कि क्या उन्हें दर्द पसंद है और आपको 2 अलग-अलग जवाब मिलते हैं… सच में ?!?!

_ हाँ “दर्द किसे पसंद है ?” आप पूछ सकते हैं ?
_ हममें से ज्यादातर लोग दर्द से नफरत करते हैं.
_ और यह बहुत स्पष्ट है कि क्यों: – यह हमारे मन की शांति और हमारे आनंद को छीन लेता है.
_ इसलिए जब आप टेबल पर अपनी छोटी उंगली 🤞 मारते हैं और दर्द होता है 🤣 तो आपको निश्चित रूप से यह पसंद नहीं है.
_ दर्द को देखने का यह तरीका हम सभी पहले से ही जानते हैं.
_ “तो आप दर्द से अलग तरीके से कैसे निपट सकते हैं ?”
_ जब आप GYM में ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो आप पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द के साथ बाहर निकलते हैं.
_ लेकिन इस बार – आप इसे पसंद करते हैं, क्यों ?
_ क्योंकि आप सोचते हैं कि यह दर्द आपके शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है 💪
_ आपको समझ आया ?
_ अगर आपके दिमाग में दर्द आपको मानसिक और भावनात्मक विकास की ओर ले जाता है, तो बिल्कुल जिम की तरह – आप महसूस करेंगे कि दर्द आपको बढ़ने में मदद कर रहा है.!!
ज़िंदगी में हमारे पास दो ही रास्ते होते हैं..

_ या तो हम ज़ख्म पर ध्यान देकर दर्द झेलते रहें,
या तो सबक़ पर ध्यान देकर ज़िंदगी में आगे बढ़ते जाएं.!!
कुछ बातें ऐसी होती हैं.. जिनका जिक्र किसी से नहीं होता,

_ कुछ दर्द ऐसे होते हैं.. जिनका कोई मरहम नहीं होता
_ कुछ गलतियां ऐसी होती हैं.. जिनका कोई पश्चताप नहीं होता
_ कुछ वक्त ऐसा होता है.. जो काटे नहीं कटता,
_ इन्हीं कुछ का मिला-जुला स्वरूप होती है हमारी जिंदगियां…!
उस वक्त वाक़ई बहुत दर्द होता है, जब लोग आपकी बड़े से बड़ी कोशिश को नज़रअंदाज़ करके..

_ आपकी छोटी से छोटी गलती के लिए आप पर उंगली उठाते हैं.!!
दर्द महसूस करें, लेकिन वहीं न रुकें – रोइए, चिल्लाइए, सब कुछ लिख डालिए—
_ जो भी आपको दर्द को स्वीकार करने में मदद करे, लेकिन इसे अपने ऊपर हावी न होने दें.
खामोशियाँ कर दें बयान तो अलग बात है,
_कुछ दर्द हैं,, जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते.!!
कोई इंसान आपको तब तक दर्द पहुँचा सकता है,
_ जब तक आप समझ नहीं जाते कि वो इंसान आपके लिए बना ही नहीं है.
आपके दर्द को सुनने वाला हर शख़्स आपका अपना नहीं होता है,
_ कुछ लोग तो आपको बस इसलिए सुनते है ताकि वो दूसरों में आपकी बातें उछाल सकें.!!
अपने घाव भरने के लिए आपको उन चीज़ों और उन लोगों से दूर होना ही पड़ेगा.. जो आपको दर्द देते हैं.!!
“दर्द की लिपि [Script] किसी भी भाषा से अनुवाद की जाए वह एक सी ही होती है.”

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