यार _चार_दिन_की_जिन्दगी_है, _
#आपस_में_मनमुटाव_होते_ही_हैं _मगर_उसे_जितना_जल्द_हो_सके_दूर_कर_लेना_चाहिये
#क्योंकी_समय_किसी_को_पछताने_का_मौका_तक_नहीं_देता..
#आपस_में_मनमुटाव_होते_ही_हैं _मगर_उसे_जितना_जल्द_हो_सके_दूर_कर_लेना_चाहिये
#क्योंकी_समय_किसी_को_पछताने_का_मौका_तक_नहीं_देता..