इंसान को हमेशा सादगी में रहना चाहिए, भले ही वो आज गरीब और कल मालदार क्यों न हो जाए,
_ आपको सरलता के महत्व को जरूर समझना चाहिए.
अपने वित्तीय जीवन [Financial life] को बहुत गंभीरता से लें,
_ बहुत सारा पैसा कमाएँ. ‘दुनिया गरीबों के लिए बहुत क्रूर है.’
यकीन मानिए, अमीरों से ज़्यादा गरीब सुखी रहते हैं.
1. गरीब के घर खूब मिर्च-मसालेदार चटपटा खाना बनता है, स्वास्थ्य-सजग अमीर के घर सीधा-सादा.
2. गरीब खूब मस्ती से त्यौहार मनाता है, सजावट के सारे तामझाम के साथ, धूम-धड़ाके के साथ.
अमीर pollution के डर से पटाखे तक नहीं छोड़ पाता.
3. गरीब अन्य के दुःख में भी ज़ोर-ज़ोर से रोकर शोक के असली रंग का माहौल पैदा कर देता है.
अमीर किसी अपने के मर जाने पर भी सभ्यता के नाते आवाज़ निकाल कर नहीं रोता, घुट-घुट कर ग़म गलत करता है.
4. गरीब ख़ुशी में दोहरा हो जाता है, किसी भी तरह की मुखमुद्रा बना कर नाचता-गाता है.
अमीर सभ्य और शालीन दिखने की कोशिश में लाज-लज्जा के ख्याल से ज़ोर से हँस भी नहीं पाता.
5. गरीब के पास पेट भरने और तन ढकने के सिवा और कोई खर्चे नहीं होते,
इसलिए गरीब महीने की 5-7 हज़ार की तनख्वाह में से भी कुछ जोड़-बचा लेता है.
अमीर को रख-रखाव दुरुस्त रखने के अनेक खर्चे होते हैं,
इसलिए महीने में 5-7 लाख की तनख्वाह भी कम पड़ती है.
6. गरीब अपनी छोटी-मोटी नौकरी में ही मस्त रहता है, क्योंकि उसे पता होता है कि वह उससे बड़ी नौकरी पाने के काबिल नहीं.
अमीर अगर नौकरी में है तो CEO बन कर भी चैन से नहीं है, क्योंकि उसे job satisfaction नहीं होता, उसे हर नौकरी में लगता है, मैं और ऊँची जगह जा सकता हूँ.
[I deserve a better job. I deserve more.]
— “सही बात”
प्रतिष्ठित परिवार के बच्चों पर अपने परिवार की, पूर्वजों की प्रतिष्ठा बचाए रखने का बड़ा तनाव होता है.
_ शिक्षित माँ-बाप के बच्चों के मस्तिष्क पर पढ़ाई में अव्वल आने का तनाव रहता है.
_ अमीरों के बच्चे इस तनाव में रहते हैं कि माँ-बाप के कमाए धन को कैसे ठिकाने लगाया जाए..
_ बिना तनाव के मस्त रहते हैं तो बस ग़रीबों के बच्चे, जो मिट्टी में लोट-लिपट कर, रूखा-सूखा खाकर मस्त रहते हैं.
_ उन्होंने जो कभी देखा ही नहीं, उसे बचाने या गँवाने का तनाव कैसा ?
_ असली आनंदमय जीवन जीते हैं ग़रीब..
_अमीर की तरह चिन्ता में तिल-तिल नहीं मरते..!!
– Manika Mohini