सुविचार – गैर – अजनबी – अंजान – अनजान – 164 | May 3, 2014 | सुविचार | 0 comments अच्छी ज़िन्दगी जीने के दो तरीके हैं. पहला, जो पसन्द है उसे हासिल कर लो और दूसरा, जो हासिल है उसे पसन्द करना सीख लो. हम कभी-कभी ऐसे लोगों से मिलते हैं, यहां तक कि पूर्ण अजनबी भी, जो हमें पहली नजर में, किसी तरह अचानक, एक बार में, एक शब्द बोले जाने से पहले ही दिलचस्पी लेने लगते हैं. कई बार ये अनजान लोग अपने लोगों से भी ज़्यादा अपने लगने लगते हैं और हमको पता भी नहीं चलता है.!! मिला करो अनजानों से भी, कभी-कभी अंजान अपनो से बेहतर मिल जाते है..!! कई बार ऐसा होता है हम किसी को जानते नहीं, पर हम उनको जानने लगते हैं, _ न जाने कैसे हम ऐसे कितने ही अनजान लोगों को अपने भीतर रखे हुए होते हैं…! अजनबी सब अपने हुए, अपनों से ही तो बगावत है, _अपने तो अपने होते हैं, ये तो सिर्फ कहावत है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ