सुविचार 1851

सफलता एक ट्रेन की तरह है जिसमें मेहनत, एकाग्रता, भाग्य रूपी कई डब्बे हैं. लेकिन इन सब डब्बों को आगे बढ़ाने वाला इंजन आत्मविश्वास है.

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