जब हम किसी परेशानी में होते है, तो हमारा पूरा ध्यान आने वाले खतरे और खौफ पर केंद्रित हो जाता है और इससे हम अपनी सूझ- बूझ खो देते हैं. लेकिन, यदि हम खतरे के डर को दरकिनार कर उससे बाहर निकलने के विकल्पों पर काम करें, तो बहुत संभावना है कि हमें कोई-न-कोई रास्ता अवश्य नजर आ जाएगा.