सुविचार 188 | May 31, 2014 | सुविचार | 0 comments स्वयं प्रसन्न रहना और दूसरों को प्रसन्न करना, जीवन का सबसे सुन्दर लक्ष्य है. भय, लालच, क्रोध, कड़वाहट, जैसे नकारात्मक भाव प्रसन्नता का भाव कम कर देते हैं. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ