जीवन में सफलता के लिए आपको शांति, सुखद एवं खुशहाल रहने की कला सीखनी होगी. चाहे कोई भी स्थिति या संकट हो, हम अपने शांत स्वभाव को नहीं छोड़ेंगे. शांतचित्त अवस्था में रहनेवाले व्यक्ति ही व्यावहारिक तरीके से सोचते हैं. वह सही निर्णय लेने में सछम होते हैं और किसी भी स्थिति में पलायनवादी मनोवृत्ति को आने नहीं देते. सफलता के लिए हमें स्वतंत्र रूप से अन्वेषण और स्पष्ट विचार करना होगा. इसके बाद बिना किसी संकोच के प्रयास को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कार्य करना होगा.
यह कठिन कार्य है, क्योंकि बचपन से ही हमारा मानस, हमारी चिंतन प्रणाली का आधार सत्य और ईमानदारी पर आधारित होता है. सृजनात्मक एक मानसिक एवं भावनात्मक मनोवृत्ति है, जो सभी प्रकार के ज्ञान एवं अनुभव को एक नये परीप्रेछ्य में अवलोकन करता है. इसके कारण नये विचारों के आविर्भाव में सहायता मिलती है. मौलिक प्रक्रिया की योजना बनाने और सर्वश्रेष्ठ सेवा तथा उत्पाद के आविष्कार का राह बनाता है, ताकि मानवता की सेवा और बेहतर तरीके से किया जा सके. सृजन तभी संभव है, जब हम चिंतन करें. यह एक साथ अभिनव प्रयोग, नवीन शुरुआत, रचना और भविष्य के सही मूल्यांकन का सम्मिलित रूप है.