परिवर्तन…
दूसरों को बदलने के पहले स्वयं को बदलना आवश्यक है ! निज अनुशासन, तब पर अनुशासन वाली बात के हिसाब से जो भी बातें या व्यवहार आप दूसरों में देखना चाहते हैं, पहले उसमे स्वयं को ढाले, स्वयं के व्यवहार में वो बाते लायें ! तभी परिवर्तन की उम्मीद लगाएं और तभी परिवर्तन सार्थक होगा ! दूसरों के लिए नियम और सिद्धांत बनाना और बताना तो हर कोई कर सकता है, पर पहले स्वयं पालन कीजिये !!!