सुविचार 1948

ज्यादातर लोग नाटक करते हैं जीवन जीने का, जिंदा होने का ,,,, हँसते हैं तो केवल इसलिए कि _ क्योंकि सभी हँस रहे होते हैं

; जबकि होना ये चाहिए कि हँसी अपने भीतर से आनी चाहिए..

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