मनुष्य या तो अपने बीते हुए पलों में खोया रहता है या फिर अपने भविष्य की चिंताओं में डूबा रहता है. दोनों सूरतों में वह दुखी रहता है. जबकि वास्तविक जीवन वर्तमान में है. उसका संबंध किसी बीते हुए या आने वाले कल से नहीं है. जो वर्तमान में जीता है वही हमेशा खुश रहता है.