साहस…….
जितना साहस कोई बात सबके सामने खड़े होकर कहने में लगता है, उतना ही साहस चुपचाप बैठकर हर किसी की बात सुनने के लिए भी चाहिए !!
जितना साहस कोई बात सबके सामने खड़े होकर कहने में लगता है, उतना ही साहस चुपचाप बैठकर हर किसी की बात सुनने के लिए भी चाहिए !!