उन्होंने मुझे दुःख दिया…. उन्होंने मेरा अपमान किया…
मैं उनके कारण क्रोधित हूं…मैं उनके कारण खुश हूं…
हम अपने जीवन को, अपने आप की भावनाओं को,
दूसरों के द्वारा संचालित होने पर निर्भर कर देते हैं,
आप स्वयं अपनी भावनाओं के निर्माता हैं,
इसलिए दूसरों पर निर्भर न रहें..