जब किसी काम के प्रति हमारे भीतर सकारात्मक सोच उत्पन्न होती है, उस समय हम ऊर्जावान रहते हैं. जैसे ही किसी दूसरे काम को लेकर नकारात्मक सोच आती है, हमारी ऊर्जा गायब हो जाती है, ख़ुशी छिन जाती है, निराशा का भाव मन में घर बना लेता है. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचें.
सकारात्मक सोच विकसित करने का कोई फार्मूला है क्या ? नहीं, इसका कोई किताबी फार्मूला नहीं है. अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाये,
किन बातों का ? हर परिस्थिति में खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए. खुद आशावादी होना चाहिए और निराशावादी लोगों से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए. सकारात्मक सोच ताकत देता है, संभावनाओं का द्वार है.