हमारा जीवन समस्याओं और समाधानों, अच्छाई और बुराई, जीत और हार, सुख और दुख,
सफलता और असफलता, उतार और चढ़ाव से घिरा हुआ है और हमें इसी में खुश रहना है.
अब हम अगर इस माहौल में अपनी ख़ुशी को यह सोच कर टालते रहेंगे कि यदि आगे यह मिल जाये, तो मैं खुश हो जाऊंगा या मुझे यह चीज प्राप्त हो, तो मैं खुश हो जाऊंगा. तो यकीन मानिये, वह समय कभी नहीं आयेगा.
महान विचारक ओशो रजनीश ने कहा है कि हमारा मन बड़ा चालाक है, जैसे ही वह किसी एक चीज को प्राप्त करता है, तुरंत नयी चीज को ध्येय बना लेता है और यही बात हमारी हमारी ख़ुशी के साथ है. इस तथ्य को हमें गहराई से समझना चाहिए.