शत्रु की अपेक्षा किसी मित्र या स्वजन को माफ़ कर देने का काम अधिक कठिन लगता है ! मन की शांति के लिए माफ़ करते रहें , दुसरो की गलतियों को भुला कर आगे बढ़ें !! क्षमा से क्रोध शांत होता है और जीवन में शान्ति आती है !!!
जब आप क्षमा कर सकते हैं, तब आप स्वतंत्र हैं ; जब आप क्षमा नहीं कर सकते, तो आप अपने साथ हुई चोट के कैदी हैं ; यदि आप वास्तव में किसी से निराश हैं और आप कटु हो जाते हैं, तो आप उस भावना के भीतर कैद हो जाते हैं.
केवल क्षमा की कृपा ही चोट और कटुता के सीधे तर्क को तोड़ सकती है ; यह आपको एक रास्ता देता है, क्योंकि यह संघर्ष को पूरी तरह से अलग स्तर पर रखता है ; एक अजीब तरह से, यह पूरे संघर्ष को मानवीय बनाए रखता है ;
आप उन स्थितियों, परिस्थितियों, या कमज़ोरियों को देखने और समझने लगते हैं जिनके कारण दूसरे व्यक्ति ने वैसा ही व्यवहार किया _ जैसा उन्होंने किया था.