बीमारी और उधारी इन दोनों में से अगर किसी एक का सामना हमें करना पड़े तो हमारा अन्तःकरण शांत नहीं रह सकता है.
क्योंकि कोई रोग आ जाए तो हमारी सारी ऊर्जा उसी रोग से लड़ने में लग जाती है.
जिसने उधार लिया है, वह भी शांत नहीं रहता.
“सादा खाओ, सादा पहनो” आफत न सिर पर आएगी,
चार दिन की जिंदगी आराम से कट जाएगी.