सुविचार – युवा – जवान – Young – 211

युवा होने का कोई सम्बन्ध उम्र से नहीं है, युवा होना चित्त की अवस्था है.

_ जो युवा देश और समाज की गली सड़ी व्यवस्था का, झूठी धार्मिक मान्यताओं का, पाखंडों का, रूढियों का, अन्धविश्वास का, धार्मिक व सामाजिक बुराइयों का विरोध नहीं करता, वो युवा होकर भी युवा नहीं है, वो तो बुढ़े से भी गया गुजरा है, उससे देश और समाज का कोई भला नहीं हो सकता.
_ युवा वो है जो देश और समाज की इन गली सड़ी व्यवस्थाओं का विरोध करे,
_ इनके विरुद्ध आवाज बुलंद करे. देश और समाज को नयी दिशा दे,
_ दुनिया के साथ अपने देश और समाज को प्रतिस्पर्धा में शामिल करें, चुनौतियों का सामना करे.
** काश मैं अपने 20 साल पर ये बातें जान पाती **

।। आज का लेख युवाओं को समर्पित ।।
इस लेख के माध्यम से मैं युवा वर्ग को संदेश देना चाहती हूं।
कहते हैं ना हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, मेरे खुद के अनुभव से जीवन की कुछ सच्चाइयां ।
1. काश समाज के दबाव के बजाय खुद हिम्मत दिखाकर अपना करियर चुन पाते तो अपना बेस्ट दिया होते आज स्थिति कुछ और होती ।
2. जब आपके आसपास के लोग आपको हर वक्त नीचे खींचने लगे तो समझ जाओ कि आप वह कर रहे हैं जो बाकी लोग नहीं कर सकते ।
3. काश यह बात पता होती की उम्र में बड़ा इंसान हमेशा सही सलाहकार हो यह जरूरी नहीं,
पके बाल हमेशा बुद्धिमान होने का कोई ठोस प्रमाण हो ये ज़रूरी नहीं ।
4. फालतू के बहस झगड़े में न पड़कर शांत रहकर आगे बढ़ गए होते हर बात का जवाब देना जरूरी नही था …फिजुल की बहस हमेशा नीचे ही ले जाती है ।
5. आलोचकों का जवाब देना समय की बर्बादी है, ज्यादातर लोग आपकी बुराई इसलिए करते है क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं आप उनसे बहुत आगे ना निकल जाएं ।
6. जब आप किसी से मिलते है तो जिस तरीके से वो आपसे बातचीत करते हैं वो पर्याप्त है ये बताने के लिए वह इंसान कैसा है । संगत हमेशा अच्छे सोच वालो से करिए ।
7. पैसा ,गाड़ी बंगला सुखी जीवन का पैमाना नहीं बल्कि जीवन की उच्चतम सफलता स्वस्थ रहना और मानसिक शांति है ।
8. ईश्वर हमेशा उनकी मदद करता है जो दिलों जान से अपने काम में लगे रहते हैं ।
उस supernatural power पर विश्वास करते हुए अपना 100% consistency के साथ मेहनत को दिया होता और रोज बनाई गई छोटी छोटी योजनाओं पर अमल की होती तो परिस्थितियां कुछ और होती।
9. छोटी छोटी असफलताओं से घबराएं नहीं होते ।
10. अपनी जवानी में उन बेहूदा चीजों को प्राथमिकता नहीं दिए होते जिसका बाद के जीवन में कोई उपयोगिता ही नहीं रह जाती ।
फालतू की चीज़ों में व्यर्थ समय नहीं गवांना चाहिए था ।
– Divya Meera “अर्क”

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