हर तरफ पागलपन : अरे मैं इस युग में क्यों पैदा हुआ ?
_ यह एक भयानक युग है.
_ दुनिया इतनी भयावह हो गई है कि कभी लगता है कि सब कुछ बंद करके एकांत में कहीं चला जाऊं.. – जहां कोई मुझे न जानता हो.!!
_ “क्या मेरा मन दुनिया से भागना चाहता है या अपने भीतर के शोर को शांत करना चाहता है ?”
_ जब संवेदनशील और गहरी सोच रखने वाला व्यक्ति चारों तरफ़ की दौड़, हिंसा, शोर और उथल-पुथल देखता है, तो उसका मन यही कहता है — “मैं इस युग में क्यों ?”
_ दरअसल यह अनुभूति भीतर की साफ़ दृष्टि और संवेदनशीलता का ही प्रमाण है.
“जब भीतर शांति का दीपक जलता है, तब सबसे अंधेरे युग में भी उजाला अपना घर बना लेता है.”