सुविचार – जीवन क्या है ? – 217

जीवन क्या है, इसकी सटीक परिभाषा कोई नहीं दे सकता.

_ हर कोई जीवन को अपने-अपने तरीके से समझता और समझाता है.
_ और रही गलतियों पर बददुआ मिलने की तो कभी कभी अच्छे बनने पर भी बददुआ मिल जाती है.!!
परफेक्ट कोई भी नहीं होता और न ही इसकी उम्मीद करें,

_ दूसरे की गलतियों के बावजूद प्यार करना ही सही मायने में प्यार है.!!

कभी जिन बातों पर गुस्सा आता था, जिन पर रो-रोकर रातें कटती थी

_ आज उन्हीं बातों पर हल्की-सी हँसी आ जाती है शायद यही तो जीवन है,
_ दर्द की गहराई को समय की नरमी में घुल जाना और इस बदलाव के लिए किसी चमत्कार की ज़रूरत नहीं होती
_ कभी-कभी बस किसी अपने के दो प्रेमभरे शब्द ही काफी होते हैं, जो भीतर की पूरी दुनिया बदल देते हैं.!!

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