आम तौर पर लोगों की यह धारणा है कि खुश केवल वही है, जिसके पास दौलत है.
लेकिन आप पायेंगे कि कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास दौलत तो बहुत है, पर वे खुश नहीं हैं. उनके शरीर में इतनी बीमारियां हैं कि दौलत का स्वयं के लिए कोई इस्तेमाल नहीं है.
इसके विपरीत आपको कई ऐसे लोग भी मिल जायेंगे, जिनके पास संसाधन तो सीमित हैं, परंतु उनके चेहरे पर गजब का आकर्षण नजर आता है, जो खुशी और शांति से उत्पन्न होती है. दरअसल, हमारे संतोष और खुशी का संबंध केवल धन से नहीं है.
हम अपने मन को व्यवस्थित और संतुलित कर अपार सुख की प्राप्ति कर सकते है.