एक पर्वतारोही सिर्फ उन चीजों को लेकर ही ऊपर चढ़ता है जो बहुत जरुरी है और उसके ऊपर चढ़ने में सहायक भी है. सोचिए क्या हो अगर वो फालतू चीजें भी अपने ऊपर रख ले ? तब क्या वो ऊपर चढ़ पायेगा ? क्या वो उस ऊंचाई को हासिल कर पाएगा जिसे वो छूना चाहता है ?
दरअसल यही बात हमारे जीवन में भी लागू होती है. अगर हम ऊपर उठना चाहते हैं, अपने काम में सुधार लाना चाहते हैं, अपनी दिनचर्या को सुधारना चाहते हैं, अपना कौशल बढ़ाना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें अपने ऊपर से फालतू चीजों का बोझ हटाना होगा.
ये फालतू चीजें हैं – नकारात्मक विचार, आलस और डर. यदि इन तीनों से छुटकारा पा लेंगे, तो हमें शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक पाएगा.