परिस्थितियों की अनुकूलता और प्रतिकूलता हमारी मनोस्थितियों पर निर्भर करती है.
प्रतिकूल समय किसी भी व्यक्ति का अपना चुनाव नहीं होता, पर यह आता ज़रूर है.
_ किसी के जीवन में कभी भी आ सकता है…प्रतिकूल समय में लगातार चलते रहना ही जीवन का सौंदर्य होता है.
_ किसी के जीवन में कभी भी आ सकता है…प्रतिकूल समय में लगातार चलते रहना ही जीवन का सौंदर्य होता है.