चिंता और दुःख मुक्त रहें ….
जीवन का अंत भी उसीका अच्छा हो सकता है जिसका जीवन शानदार और अच्छा रहा हो ! जीवन भर दुखी चिंतित और बुरी दशा में जीने वाला अंत समय में दुखी और चिंतित ही जाता है !!! अतः चिंता, दुःख और व्यर्थ विचारो मुक्त जीवन बिताइए क्यूंकि इतना तो हम कर ही सकते है, क्यूंकि अंत वैसा ही होगा जैसे संस्कार हम पूरे जीवन किये कर्म और स्वभाव के अनुसार बना लेंगे !!!!